Monday, September 13, 2010

किसे जगाया जाए?

किसे जगाया जाए?
होश हो और जोश हो, तो नसीब बनाया जाए ।
रूठने वाला खुदा हो तो उसे मनाया जाए ।
पर आँख हो-न देखता हो, सुनते हुए न सुनता हो,
जागते हुए भी सोता हो, तो किसे जगाया जाए?
                                                 - धीरेन्द्र

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